
भारत में प्राइवेट स्कूल कैसे खोले?: आज के भारत में शिक्षा का महत्व कई गुना बढ़ गया है। अब इस बढ़े हुए शिक्षा के महत्व के लिए लोग अपने बच्चों को पढ़ाना लिखाना चाहते हैं। अच्छे से अच्छे स्कूल में लोग हमेशा यही कोशिश करते हैं कि हमारा बच्चा अच्छी शिक्षा प्राप्त करें। भारत में कई सारे गवर्नमेंट स्कूल्स मौजूद हैैं। अब तो हर गांव में गवर्नमेंट स्कूल मौजूद हैं पर उन गवर्नमेंट स्कूल्स में कोई भी अपने बच्चों को पढ़ाना नहीं चाहता।
रीजन यह है आपको पता है हमें भी पता है कि गवर्नमेंट स्कूल की पढ़ाई कैसी है। हां, हर गवर्नमेंट स्कूल ऐसा नहीं है। लकिन मैक्सिमम गवर्नमेंट स्कूल्स वैसा ही है, जिनमें लोग अपने बच्चों को बिल्कुल भी नहीं पढ़ाना चाहते। तो आपके पास एक सुनहरा मौका है कि आप एक स्कूल की शुरुआत करके आप एक अच्छा खासा आर्मीनिया कर सके और लोगों को शिक्षा बांट सके। यह एक टाइप का बिजनस भी है। एक टाइप की समाज सेवा भी है और एक टाइप का प्रोफेशन भी है जिसे आप फॉलो कर सकते हैं।
आज के इस लेख में हम जानने वाले कि एक स्कूल खोलने में कितना खर्चा आता है। एक स्कूल खोलने के लिए कौन कौन से डॉक्यूमेंट्स रेडी करने पड़ते हैं। मिनिमम कितने स्पेस समय चाहिए? स्कूल खोलने के लिए ऐसी कई सारी चीजें। तो इस लेख को अंत तक जरूर पढियेगा।
स्कूल कैसे खोले?
सबसे पहली चीज तो इंडियन गवर्नमेंट के अकॉर्डिंग आप कोई भी स्कूल भारत में अकेले नहीं चला सकते। कोई भी इंडिविजुअल पर्सन एक स्कूल का मालिक नहीं हो सकता है। स्कूल अगर आप अपना चलाना चाहते हैं तो उसके लिए आपको एक ट्रस्ट का निर्माण करना पड़ेगा जिसमें कम से कम 6 से 10 लोग मौजूद होने चाहिए। जब आप 6 से 10 लोगों का एक ट्रस्ट बना लेते हैं, उसके बाद उस ट्रस्ट के नाम पर आप स्कूल चला सकते हैं। इसके बाद आपने जो अभी ट्रस्ट बनाया है उस ट्रस्ट को आपको रजिस्ट्रार ऑफिस में जाकर रजिस्टर करवाना होगा और उसके बाद रसीद को आपको डीएम ऑफिस में जमा करना होगा।
जाकर जब जितना आप कर लेते हैं उसके बाद आपको अपने विद्यालय के लिए एफिलिएशन प्राप्त करना होगा। एफिलिएशन बेसिकली जब आपका स्कूल बनकर पूरी तरीके से रेडी हो जाएगा तो एफिलिएशन अथॉरिटी की तरफ से निरीक्षक आएंगे जो कि आपके विद्यालय को देखेंगे कि क्या उनके मापदंड के अनुसार आपका विद्यालय बना है। अगर आप उनके मापदंड पर खरे उतरते हैं फिर आपके विद्यालय को एफिलिएशन दे दिया जायेगा और आप विद्यालय शुरू कर सकते हैं।
स्कूल में मौजूद एरिया और सुबिधा।
भारत में आप एक या दो कमरे में स्कूल नहीं चला सकते हैं। आपको कम से कम दो हज़ार स्क्वायर फीट एरिया चाहिए होगा जिसमें बच्चों के लिए प्लेग्राउंड भी होना चाहिए और इसी के अलावा आपके पास 7 से 8 क्लासरूम्स भी होने चाहिए। बाथरूम की फैसिलिटी उसके अंदर अवेलेबल होनी चाहिए और पानी की व्यवस्था प्रॉपर तरीके से होनी चाहिए। बच्चों को असुविधा नहीं होनी चाहिए किसी भी प्रकार से अगर आप एक विद्यालय चलाना चाहते हैं तो।
अलग प्रकार के स्कूल के लिए अलग मान्यता।
जब आप अपने विद्यालय को चलाना शुरू करते हैं तब आपको एकदम से हायर सेकेंड्री के लिए मान्यता नहीं दे दी जाती है। मान्यता के लिए आपको अगर आप कक्षा पाँच तक की मान्यता लेना चाहते हैं तो आपको अपने नगर निगम से मान्यता लेनी होगी। आप जिस भी शहर के अंडर में आते हैं वहां से आपको मान्यता मिलेगी और अगर आप आठवीं तक के लिए मान्यता लेना चाहते हैं तो आपको अपने राज्य सरकार से संपर्क करना होगा। जब आप दो सालों तक सक्सेसफुली अपने स्कूल को रन कर लेते हैं उसके बाद आपको हायर सेकेंड्री स्कूल के लिए मान्यता दी जाती है।
स्कूल के लिए स्टाफ और टीचर।
स्कूल की अगर आप शुरुआत कर रहे हैं तो यहां पर अगर हम स्टाफ की बात करें तो आपको स्टाफ भी उसी के अनुसार चुनना होगा। कोशिश करिए कि आपके स्टाफ जो है वो ज्यादा से ज्यादा एजुकेटेड हो, क्वालिफाइड हो ताकि आपके स्कूल में जो भी बच्चे आएं उन्हें एक बेहतर भविष्य मिल सके। कम से कम यहां कोशिश करिए कि जो टीचर्स आप अफोर्ड कर रहे हैं अपने विद्यालय के लिए वो बीएड किए हुए होने चाहिए।
अगर आप ऐसे अध्यापकों को अपने विद्यालय में रखते हैं तो इससे आपके विद्यालय की मान्यता भी बढ़ेगी और आपके विद्यालय की एक रिस्पेक्ट भी रहेगी कि हां, वहां जो टीचर्स हैं उनमें की क्वालिफिकेशन इतनी है जिससे वो बच्चों को अच्छा भविष्य दे सकते हैं। अगर आप प्राइमरी स्कूल खोलने की कोशिश कर रहे हैं तो कोशिश करिए कि महिला टीचर्स को ज्यादा से ज्यादा रखिए क्योंकि महिला टीचर्स बच्चों के साथ एक अलग लगाव बना पाती हैं, जिनसे बच्चे भी उनके साथ खुश रहते हैं।
स्कूल खोलने के लिए लागत और कमाई।
अगर आप बड़े लेवल पर एक अच्छा विद्यालय शुरू करना चाहते हैं तो इसके लिए कम से कम आपकी इन्वेस्टमेंट यहां 30 से 40 लाख रुपए तक आने वाली है, जिसमें आपका जमीन की कॉस्ट भी शामिल है, कंस्ट्रक्शन कॉस्ट भी शामिल है और इसी के अलावा जितने मान्यता आपने अपने विद्यालय में दिलवाई है उसमें जितनी भागदौड़ लगी है वो भी शामिल है और इसी के साथ में आपको यहां जो इंटीरियर फर्नीचर का काम करवाना पड़ेगा, बच्चों के बैठने के लिए सीट का काम करवाना पड़ेगा वो भी शामिल हैं।
अगर आप प्ले स्कूल के सभी क्लासेस को स्मार्ट क्लास बनाना चाहते हैं तो ये खर्चा और अधिक बढ़ सकता है। अगर यहां हम कमाई की बात करें तो वो पूरी तरीके से निर्भर करता है कि आपके स्कूल में। बच्चे कितने हैं। क्योंकि जितने अधिक बच्चे होंगे आपकी फीस उसी के अनुसार होगी।
FAQ:
भारत में प्राइवेट स्कूल खोलने में कितना इन्वेस्टमेंट लगता है?
भारत में प्राइवेट स्कूल खोलने के लिए 30 से 40 लाख रुपए इन्वेस्टमेंट लगता हैं।
भारत में प्राइवेट स्कूल खोलकर कितना कमा सकते हैं?
भारत में प्राइवेट स्कूल खोलकर आप 1 महीने का लाख रुपया भी कमा सकते हैं।
स्कूल में कितने शिक्षक होने चाहिए?
स्कूल में कम से कम 4 शिक्षक होने चाहिए जो कि बच्चों को हर विषय पढ़ा सके।
निष्कर्ष:
तो दोस्तों पर दिए गए लेख में हमने आपको बताया है कि भारत में प्राइवेट स्कूल कैसे खोलें? दोस्तों भारत में ऐसे कई राज्य है जहां सरकारी स्कूल है और वहां पढ़ाई नहीं होती है। ऐसे में अगर आप एक सही जगह का चयन करके एक प्राइवेट स्कूल खोलते हैं तो इस बिजनेस में आपको बहुत अच्छा मुनाफा हो सकता है। इस बिजनेस में डिमांड और स्कोप हमेशा ही रहता है। तो दोस्तो आशा करता हूं कि इस लेख से आपको अच्छी जानकारी मिली होगी। इस लेख को पढ़ने के लिए धन्यवाद।