चीनी का होलसेल बिज़नेस कैसे करें?: अब चीनी की डिमांड तो हर घर में मौजूद होती है। हर घर में चाय दिया जाता है और सुबह सुबह चीनी की खपत जरूर होती है। एक औसतन अगर हम बात करें तो लगभग 4 से 5 किलो एक घर में चीनी एक महीने के अंदर खपत होती ही होती है। और यहां पर अगर आप यह सोच रहे हैं कि चीनी के बिजनेस में आपको बहुत ज्यादा बड़ा प्रॉफिट मिलने वाला है तो यह आपकी एक गलतफहमी है। क्योंकि चीनी के बिजनेस में उतना प्रॉफिट नहीं होता है जितना सबके द्वारा बताया जाता है। फिर भी चीनी के बिजनेस में आप अच्छा खासा प्रॉफिट कमा सकते हैं।
इस बिज़नेस में कैसे कमा सकते हैं वह आज के इस लेख में हम जानने वाले हैं। आज के इस लेख में हम जानेंगे कि किस तरीके से आप चीनी के होलसेल बिजनेस को स्टार्ट कर सकते हैं। स्टार्ट करने के लिए इन्वेस्टमेंट समथिंग कितना लगेगा, हमारा क्या रजिस्ट्रेशन करवाना होगा, हमें कौन से लाइसेंस लेने पड़ेंगे, कितनी स्पेस की जरूरत है और चीनी कैसे हमें खरीदनी है, कितना रुपया हम कमाते हैं बहुत सारी चीजें। तो इस लेख को अंत तक जरूर पढियेगा।
चीनी का होलसेल बिज़नेस में यूटिलिटीज।
पूरे भारत के किसी भी राज्य में अगर आप चीनी के होलसेल बिजनेस को स्टार्ट करना चाहते हैं तो कुछ बेसिक नीड्स आपको होती है जिनकी पूर्ति करना बहुत ज्यादा जरूरी होता है। अगर आप बिजनेस स्टार्ट करना चाहते हैं।
जगह = सबसे पहली जरूरत होती है कि आपके पास एक गोडाउन होना चाहिए। लगभग 400 से 500 स्क्वायर फीट का। उस गोडाउन में आप अपना सारा माल स्टोर करके रखेंगे।
गाड़ी = दूसरी चीज आपके पास एक ऐसा वेहिकल, एक ऐसी गाड़ी होनी चाहिए जिससे आप अपने एरिया में लोगों तक चीनी के बोरे पहुंचाएंगे। पैकेट जो होते हैं चीनी के वह पहुंच जाएंगे और उस गाड़ी के बिना आप इस बिजनेस को नहीं कर सकते हैं। यह बात आपको समझ के रखनी है।
मैन पावर = साथ ही साथ आपको यहां वर्कर भी रखना पड़ सकता है। शुरुआती लेवल पर आप एक वर्कर रख सकते हैं। अपने साथ में काम करने के लिए जैसे जैसे आपका बिजनस बढ़ेगा, ग्रो करेगा, वैसे वैसे आपको वर्कर्स भी बढ़ाने होंगे। पर इतना ध्यान रखें, कम से कम एक बंदा तो आपको चाहिए अपने पास, जिसको आप रखेंगे काम करने के लिए जो चीनी पहुंचाएगा दुकानों तक, होटलों तक, रेस्टोरेंट्स तक।
लाइसेंस = दूसरी चीज की बात करते हैं आपको यहां पर गुमास्ता ट्रेड लाइसेंस और इसी के अलावा जीएसटी रजिस्ट्रेशन करवाना मस्ट इम्पॉर्टेंट होता है। अगर आप इस बिजनेस को स्टार्ट करना चाहते हैं क्योंकि यह एक बड़े स्केल का बिजनेस है तो आपको गवर्नमेंट को पूरी डीटेल देनी होती है कि आपने कितना माल खरीदा, कितने में खरीदा और सेल कहां किया, कितने का किया, उसका जो भी टैक्स का परसेंटेज गवर्नमेंट का बनता है, आपको गवर्नमेंट को देना होगा प्रॉपर्ली।
चीनी का होलसेल बिज़नेस में चीनी हम खरीदेंगे कहां से।
देखिए अगर आप चीनी खरीदना चाहते हैं तो मैं आपको सजेस्ट करूंगा कि ऐसे राज्य में आप चीनी खरीदिए जहां पर ज्यादा गन्ने का उत्पादन होता हो। सबसे अधिक गन्ने का उत्पादन महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में होता है। और अगर मैं उत्तर प्रदेश की बात करूं तो उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी एरिया में बहुत ज्यादा बड़े लेवल पर गन्ने का उत्पादन होता है और इसी एरिया के आसपास बहुत सारे चीनी मिल भी मौजूद हैं।
चीनी का होलसेल बिज़नेस में प्रॉफिट रेशियो होता है?
देखिए, सबसे पहले चीनी मिल में चीनी बनती है और उसके बाद मिल का अपना खुद का बड़ा सा गोडाउन होता है। उस गोडाउन में शिफ्ट करी जाती है सारी चीनी। उस गोडाउन में चीनी की बोरियां स्टोर कर ली जाती है और फिर वह बोरियां ट्रक भर भर के निकलती हैं अलग अलग राज्यों के लिए। अगर आपको डायरेक्ट किसी बड़े मिल से चीनी खरीदनी है तो वैसे सिचुएशन में आपको पूरा ट्रक भर के खरीदना होता है। जैसे 200 बोरी, 300 बोरी, 400 बोरी। इस तरीके से आपको खरीदना होता है चीनी और उसके बाद उसको आप अपने गोडाउन में स्टोर करेंगे और फिर अपने गोडाउन से सेल करेंगे।
अगर हम यहां पर बात करें कि एक बड़ा डिस्ट्रीब्यूटर जब चीनी खरीदता है किसी मिल से तो उसको लगभग ₹30 से ₹32 प्रति किलो के हिसाब से चीनी मिलती है। वह आगे अगर किसी छोटे होलसेलर को सेल करता है तो लगभग ₹35 से ₹36 प्रति किलो के हिसाब से सेल करता है और उसके बाद जब वह आगे सेल करता है होलसेलर। रीटेलर को तो रीटेलर 39 से 40 रुपए प्रति किलो के हिसाब से होलसेलर से खरीदकर लगभग 41, 42, 43 प्रति किलो के हिसाब से रीटेल में सेल करता है। पर यहां पर आपको एक चीज समझना होगा कि आप जितने बड़े लेवल पर इस बिजनस को शुरू करेंगे उतना ज्यादा माल आपको खरीदना होता है।
जैसे कि अगर आप डायरेक्ट मील से खरीद रहे हैं तो आपको कम से कम 300 से 400 बोरियां खरीदनी ही होंगी। मिनिमम और अगर आप एक होलसेलर बनना चाहते हैं और किसी बड़े डिस्ट्रिब्यूटर से खरीदना चाहते हैं तो आपको कम से कम 50 से 60 बोरियां खरीदनी होती हैं। और अगर आप एक होलसेलर और 50 – 60 बोरियां अपने खरीदे हैं तो आप उन बोरियों को उसके बाद आगे रीटेल के लिए सेल कर सकते हो। जैसे कि रैस्टोरैंट मालिकों को, जोकि दिन रात चाय बनाने का काम करते हैं, कॉफी बनाने का काम करते हैं। कुछ न कोई डिशेज बनाते रहते हैं उन्हें।
होटल वालों को जो चाय के दुकान होते हैं, जगह जगह पर उन दुकान वालों को या फिर जो किराना दुकान होते हैं, उन दुकान वालों को तो ये सारे आपके टारगेट कस्टमर्स होते हैं। तो इस पूरे चेन में आपको लगभग प्रति किलो के हिसाब से 2 से 4 रुपए का प्रॉफिट रहता है। और अगर आप यह सोचते हैं कि इस बिजनस में आप बहुत ज्यादा कमाएंगे तो आप कमा सकते हैं। पर कमा तब सकते हैं जब आपकी सेल उतनी ज्यादा होगी।
चीनी का होलसेल बिज़नेस में इन्वेस्टमेंट।
अगर आप होलसेलर भी इस बिजनस को स्टार्ट कर रहे हैं तो कम से कम 4 से 5 लाख का इन्वेस्टमेंट आपका लगने वाला है क्योंकि आपको एक व्हीकल भी खरीदना होगा। आपको एक गोडाउन भी लेना होगा। रेंट पर भले आप ले रहे हैं, फिर भी उसका गोडाउन का रेंट काफी ज्यादा होता है। आपको एक वर्कर भी अपने पास रखना होगा। कम से कम चार से ₹5 लाख आपका इन्वेस्ट होता है। चीनी के बिजनस को स्टार्ट करने में।
FAQ:
चीनी का होलसेल बिजनेस शुरू करने में कितना इन्वेस्टमेंट लगता है?
चीनी का होलसेल बिजनेस शुरू करने में आपको 400000 से 500000 तक का इन्वेस्टमेंट लग सकता है।
चीनी का होलसेल बिजनेस शुरू करके कितना कमा सकते हैं?
चीनी का होलसेल बिजनेस शुरू करके आप महीने का 30000 से 40000 तक कमा सकते हैं।
चीनी बनाने के लिए हमें किस चीज की जरूरत पड़ती है?
चीनी बनाने के लिए हमें गन्ने की जरूरत पड़ती है।
निष्कर्ष:
उम्मीद करता हूं कि आपको समझ में आया होगा कि किस तरीके से आप चीनी के बिजनस को स्टार्ट कर सकते हैं। दोस्तों अगर आप कोई बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो चीनी का होलसेल बिजनेस आपके लिए सही साबित हो सकता है। अगर आप ऊपर दिए गए लेख को ध्यान से पढ़ते हैं तो इस बिजनेस को शुरू करने का एक अच्छा आईडिया मिल जाएगा। आशा करता हूं कि इस लेख से आपको अच्छी जानकारी मिली होगी। इसे पढ़ने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।