मेडिकल स्टोर खोलकर हर महीने करें मोटी कमाई, केंद्र सरकार उठाएगी खोलने का खर्च।: अगर आपको यह जॉब की तलाश है तो मेडिकल सेक्टर में अपना हाथ आजमा सकते हैं। करो ना कॉल के बाद मेडिकल सेक्टर की डिमांड बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। ऐसे में केंद्र सरकार ने जेनेरिक दवाइयां मुहैया कराने के लिए प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खोलने का मौका दे रही है और इसमें सरकार की सहायता करेगी।
सरकार जन औषधि केंद्र इस संख्या बढ़ाने पर काफी जोर दे रही है। सरकार देशभर में मार्च 2024 तक प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र की संख्या बढ़ाकर 10,000 करने का लक्ष्य रखा है। आम आदमी को दवाइयों खर्च के बोझ से मुक्त करने के लिए जन औषधि केंद्र खोले जा रहे हैं।
जन औषधि केंद्र कौन खोल सकते हैं?
जन औषधि केंद्र खोलने के लिए सरकार ने तीन कैटेगरी बनाई है। पहली कैटेगरी में कोई व्यक्ति, डॉक्टर, बेरोजगार फार्मासिस्ट औषधि केंद्र खोल सकते हैं। वहीं दूसरी कैटेगरी में NGO, प्राइवेट अस्पताल, ट्रस्ट इसे खोल सकते हैं। यह तीसरी कैटेगरी में सरकार द्वारा नॉमिनेटेड दिए गए एजेंसियों को मौका मिलता है।
इसका मतलब है कि अगर आप जन औषधि केंद्र खोलना चाहते हैं तो आपके पास बी फार्मा और डी फार्मा की डिग्री होना अनिवार्य है। इसके अलावा PMJAY के तहत ST, SC और दिव्यांग आवेदकों को औषधि केंद्र खोलने के लिए ₹50000 तक का रकम दी जाती है।
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जन औषधि केंद्र खोलने के लिए कैसे करें अप्लाई?
इसे खोलने के लिए सबसे पहले रिटेल ड्रग सेल्स का लाइसेंस जन औषधि केंद्र के नाम पर लेना होता है। इसके लिए आपको इसके ऑफिसियल वेबसाइट https://janaushadhi.gov.in/ से फॉर्म डाउनलोड करना होता है। फॉर्म डाउनलोड करने के बाद आपको एप्लीकेशन को ब्यूरो ऑफ फार्मा पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग ऑफ इंडिया के जनरल मैनेजर के नाम से भेजना होगा।
जन औषधि केंद्र खोलकर कितनी होगी कमाई?
जन औषधि केंद्र में दवाइयों के बिक्री पर 20% तक का कमीशन दिया जाता है। इसके अलावा हर महीने बिक्री पर अलग से 15% तक का इंसेंटिव दिया जाता है। इस योजना के तहत दुकान खोलने के लिए फर्नीचर और अन्य सामानों के लिए सरकार के तरफ से 1.5 लाख रुपये की मदद किया जाता है। साथ ही बिलिंग के लिए कंप्यूटर और प्रिंटर खरीदने के लिए सरकार ₹50000 तक की मदद करती है।
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