नूंह हिंसा के बाद G20 बैठक के सुरक्षा व्यवस्था पर उठ रहे कई सवाल।

नूंह हिंसा के बाद G20 बैठक के सुरक्षा व्यवस्था पर उठ रहे कई सवाल।: हरियाणा से बीते दिनों हिंसा की कई तस्वीरें सामने आईं। हिंसा का केंद्र रहे नूंह और गुरुग्राम में अभी हालात सामान्य हैं, लेकिन हिंसा का यह मामला अभी तक चर्चा के केंद्र में है। कुल छह लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों गाड़ियों को नुकसान पहुंचा है। दुकानें लूट ली गई हैं। आगजनी की घटनाएं सामने आएंगी। ध्यान देने वाली बात यह है कि सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं देश की राजधानी दिल्ली के आसपास के इलाकों में हुई हैं, जहां अगले महीने जी ट्वंटी की शिखर वार्ता होनी है और इस वार्ता में दुनिया भर के शीर्ष नेता हिस्सा लेने वाले हैं।

यहां तक कि गुरुग्राम में भी जी टवेंटी की एक बैठक होनी है। ऐसे में राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर तो सवाल उठ ही रहे हैं लेकिन अंतरराष्ट्रीय मीडिया भी नूंह और गुरुग्राम की सांप्रदायिक हिंसा से जुड़ी खबरों को प्रमुखता से जगह दे रहा है। अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने बीते दिनों भारत में एक के बाद एक हुई सांप्रदायिक हिंसा पर पहली अगस्त को एक लेख प्रकाशित किया है। लेख का शीर्षक है हिंदू राष्ट्रवादी नेताओं द्वारा शासित भारत में तेजी से बढ़ती सांप्रदायिक हिंसा।

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लेख में मणिपुर हिंसा से लेकर हरियाणा के नूंह और गुरुग्राम की हिंसा का भी जिक्र है। साथ ही अखबार लिखता है कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली भारत से हिंसा की ऐसी तस्वीरें सामने आना शायद कोई असामान्य बात नहीं है। लेकिन ये खबरें ऐसे समय में आ रही हैं जब सितंबर में वहां जी ट्वेंटी शिखर सम्मेलन की बैठक होनी है और भारत इसकी मेजबानी कर रहा है।

अखबार ने आगे लिखा है कि इस बीच प्रधानमंत्री मोदी दुनिया भर में अर्थव्यवस्था केंद्रित भारत की विकास गाथा का प्रचार कर रहे हैं और उन्हें पेरिस और वॉशिंगटन में उनके नेतृत्व के लिए प्रशंसा भी मिली है। भारत के ज्यादातर हिस्सों में लोकप्रिय प्रधानमंत्री मोदी सार्वजनिक जीवन में पहली बार कदम रखने के बाद से ही देश के हिंदू राष्ट्रवादी आंदोलन से जुड़े हुए हैं।

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