सागवान की खेती का बिज़नेस कैसे करें?: हर साल खेती में हो रहे नुकसान की एक बार में भरपाई किस तरह की जा सकती है और आज खेती ने एक व्यापारिक रूप ले लिया है और अगर आप अभी भी वही पुराने तरीके खेती में अपना रहे हैं तो आप खेती में कभी भी सफल नहीं हो सकते। बहुत सारे लोगों की ख्वाहिश होती है कि वे नौकरी की बजाय खुद का काम करें। आज भले ही गांव के लोग शहर की ओर पलायन कर रहे हैं, लेकिन आज गांव के लोग गांव में रहकर बहुत कम इन्वेस्टमेंट में लाखों महीना कमा रहे हैं।
आज हम एक ऐसी फसल की बात कर रहे हैं जिससे आप करोड़पति बन सकते हैं। तो आज हम जिस खेती की बात कर रहे हैं उसका नाम है सागवान की खेती और सागवान की खेती के बारे में पूरी जानकारी देने वाले आप अंत तक इस लेख में जरूर बने रहें। सागवान को इमारती लकड़ी का राजा कहा जाता है। तो चलिए शुरू करते हैं और जानते हैं कि सागवान की खेती का बिजनेस कैसे करें?
सागवान की लकड़ी का उपयोग क्या है।
यह भारत में सबसे मूल्यवान और ऊंची कीमत वाली टिम्बर की फसल है। इसका पेड़ बहुत लंबा होता है और अच्छी किस्म की लकड़ी पैदा करता है। यही वजह है कि इसकी देश और विदेश के बाजार में अच्छी डिमांड है। सागवान से बनाए गए सामान अच्छी क्वालिटी के होते हैं और ज्यादा दिनों तक टिकते भी हैं।
इसलिए सागवान की लकड़ी से बने फर्नीचर की घर और ऑफिस दोनों जगहों पर भारी मांग हमेशा बनी रहती है। पूरी दुनिया में सागवान लोगों की जिंदगी का अहम हिस्सा बन गया है और व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए आमतौर पर सागवान की अच्छी किस्म की खेती की जाती है, जिसमें कम रिस्क पर अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है।
सागवान की प्रजाति कितनी प्रकार की होती है।
नीलाम्बर सागवान होता एक दक्षिण और मध्य अमेरिकन सागवान होता है। एक पश्चिमी अफ्रीकन सागवान भी होती है। एक गोदावरी सागवान होता है, एक कोणीय सागवान होता है। यह 4 से 5 तरह के सागवान की प्रजाति होती है और अलग अलग तरह की प्रजाति भी होती है जिसका जानकारी ऑनलाइन प्राप्त हो सकती है।
सागवान की खेती के लिए मृदा, जलवायु और अनुकूल समय क्या है।
अगर तापमान की बात करें तो 40 से 44 डिग्री सेंटीग्रेड और जो मैक्सिमम टेम्प्रेचर है और अगर मिनिमम सेंटीग्रेट टेम्प्रेचर की बात करें तो 13 से 17 उपयुक्त माना गया है। 1200 से 2500 एमएम बारिश वाले स्थान में इसको आसानी से पैदावार हो जाती है। इसकी खेती के लिए बारिश, नमी, मिट्टी के साथ साथ रोशनी और तापमान भी अहम भूमिका निभाता है। तो यह तो हुई अनुकूल समय, मृदा और जलवायु की बात।
सागवान की खेती का बिज़नेस में मिट्टी की क्या भूमिका है।
सागवान में सबसे अच्छी पैदावार जलोढ़ मिट्टी में होती है जो 5 से 8 या फिर 6.5 से 7.5 के बीच पीएच होता है, वह बहुत महत्व रखता है। दोस्तों अगर आप इस पीच का मिट्टी इसकी खेती करने के लिए इस्तेमाल करते हैं तो इसकी पेड़ बहुत ही अच्छे तरीके से उगेंगे।
सागवान की खेती का बिज़नेस में लागत और कमाई कितनी होगी।
दोस्तों यह जो मैं कमाई बता रहा हूं यह आपको चार एकड़ में बता रहा हूं और चार एकड़ का अगर बीघा में कनवर्ट करें तो हर जगह अलग अलग होता है। कई जगह एक एकड़ में दो बीघा होता है तो इस तरीके से आठ बीघा के खेत में मेड़ बनाकर आप अगर 250 पौधे रोपे हैं मतलब चार एकड़ में आप 250 पौधे रोपे और छह साल तक उनको सींचते हैं और उसके नौ साल बाद मतलब 15 साल बाद एक पेड़ से आपको ₹40,000 मिलेंगे।
इस तरह से 15 साल में आप एक करोड़ रुपए कमा सकते हैं। और सबसे बड़ी बात यह है सागवान की खेती में आपको दोस्तों कि सागवान की खेती में यह। 15 साल बाद एक बार कटने के बाद दोबारा 15 साल बाद एक करोड़ रुपए की आय होगी। तो इस तरीके से आप 15 साल बाद फिर से कमा सकते हैं। तो इस तरीके से आप देख सकते हैं कि इसमें लागत ज्यादा नहीं है।
एक बार आप पेड़ ले आएंगे अगर यह 400 से 500 में एक पेड़ मिल जाता है आप उसको लगाएंगे और 15 साल बाद वह पेड़ 400-500 का आपको ₹40,000 देगा तो इस तरीके से आप आसानी के साथ लगा सकते हैं। मेड़ पर लगाएं अगर बीच में खेत पर न लगाएं या खेत में दूर दूर लगाएं तो 15 साल बाद आपका एक तरीके का यह बहुत बेहतरीन बिजनेस है और 15 साल के बाद आपको एक करोड़ रुपए कमाकर देगा।
निष्कर्ष:
दोस्त ऊपर दिए गए लेख में हमने आपको बताया है कि सागवान की खेती का बिजनेस कैसे करें? दोस्तों यह एक ऐसा बिजनेस है जिसकी शुरुआत अगर आप करते हैं तो 15 साल के बाद आप करोड़ों रुपया तक कमा सकते हैं। इस बिजनेस में आपको बहुत ही कम लागत लगने वाला है और समय रहते हुए इसकी खेती पर ध्यान देते रहना है। अगर आपके पास अच्छा खासा जमीन है तो आप सागवान की खेती कर सकते हैं और कुछ सालों के बाद बहुत अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। इस लेख को पढ़ने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।