ट्रैफिक जाम के कारण बेंगलुरु को हर साल ₹20,000 करोड़ का होता है नुकसान।

ऐसा भी कहा जाता है कि बेंगलूर ऐसा शहर है जहां गूगल भी नहीं बता पाता है कि आपको कहीं जगह पर पहुंचने में कितना समय लगेगा।

भारत की सिलिकॉन वैली का सपना देखने वाले हजारों लोग हर साल यहाँ आते है। पिछले 15 सालों में इसकी आबादी बहुत तेजी से बढ़ रही है और करीब 1.5 करोड़ लोग यहां रहते हैं।

सड़कों पर एक करोड़ से अधिक गाड़ियां चलती है। यहां के सीएम ने कहा है कि 2027 तक आबादी से ज्यादा गाड़ियों का संख्याहो सकता है।

हाल ही में एक स्टडी के द्वारा बताया गया है कि बेंगलुरु में ट्रैफिक जाम के कारण हर साल 20,000 करोड़ रुपए की आर्थिक नुकसान होता है।

स्टडी के मुताबिक यह बताया गया है कि ट्रैफिक संबंधी बाधाओं के कारण केवल आईटी सेक्टर को लगभग 7000 करोड रुपए का नुकसान हुआ है।

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